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Chenab Bridge | भूकंप हो, बम ब्‍लास्‍ट या तूफानी हवाएं, इस सबसे ऊंचे रेल ब्रिज का नहीं बिगाड़ पाएगा कोई कुछ

नई द‍िल्‍ली ब्यूरो : भारतीय रेलवे जहां अपने रेल नेटवर्क को और मजबूत बनाने का काम कर रहा है. वहीं, अपने रेल नेटवर्क को स‍िक्‍योर‍िटी और आपदा आद‍ि के ल‍िहाज से भी पुख्‍ता बनाने में पीछे नहीं है. इसका ताजा उदाहरण भारतीय रेलवे का उधमपुर-श्रीनगर-बनिहाल रेल लाइन का चिनाब ब्रिज बनाया गया ‍है.

रेल ब्रिज जहां दुनिया का सबसे उंचा यानी 359 मीटर ऊंचा होगा जिसकी ऊंचाई फ़्रांस के ऐफल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है. लेकिन इससे बड़ी विशेषता यह होगी क‍ि इस पर क‍िसी बड़े हमले या विस्‍फोट का असर भी नहीं होगा. इसका मतलब यह है क‍ि कोई भी धमाका इस रेल ब्रिज को नुकसान नहीं पंहुचा सकेगा.

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक कोई हमला ही नहीं बल्‍क‍ि इसको प्राकृतिक आपदा खासकर भूंकप आद‍ि के दौरान पहले से निपटने के इंतजाम भी क‍िये गये हैं. आमतौर पर भूकंप का केंद्र पड़ोसी मुल्‍क पाक‍िस्‍तान के अलावा‍‍ अफगानिस्तान, टर्की आदि देश रहते हैं. इसका बड़ा असर जम्‍मू-कश्‍मीर क्षेत्र पर देखने को मिलता रहता है.

भूकंप भी इस रेल ब्र‍िज को नहीं हिला सकता

इसलिये इस ब्र‍िज को भूंकप के जोन-5 के झटकों तक को झेलने के लिये बनाया गया है. इसका मतलब यह है क‍ि घाटी में 8 और 9 रिक्‍टर स्‍केल पर आने वाला भूकंप भी इस रेल ब्र‍िज को नहीं हिला सकता है. अक्‍सर पहाड़ी व ऐसे इलाकों में भूकंप आद‍ि आने की संभावनाएं लगातार बनी रहती हैं. इन सभी को देखते हुये रेलवे ने च‍िनाब ब्रिज की संरचना भी 8 से 9 रिक्‍टर स्‍केल तक आने वाले भूकंप से बचाने के लिये की है.

हवाएं भी इसका बाल बांका नहीं कर सकती

बात करें तेज हवाओं या 200 से 250 क‍िलोमीटर की गत‍ि से चलने वाली हवाओं के प्रभाव की तो यह हवाएं भी इसका बाल बांका नहीं कर सकती हैं. कोंकण रेलवे की ओर से 250 क‍िलोमीटर प्रत‍िघंटा की गत‍ि से भी ऊपर की तेज हवाओं के प्रभाव से भी इसको स‍‍ुरक्षित रखने का काम क‍िया है. कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन ल‍िमिटेड ने चिनाब ब्रिज को 266 क‍िलोमीटर प्रत‍िघंटा की गत‍ि के प्रभाव से भी इसको बचाने का संरचना की है. इस गत‍ि की हवाओं का असर भी ब्रिज पर नहीं पड़ने वाला है.

धमाका कुछ नही बिगाड़ सकेगा

अब बात करें इसकी स‍िक्‍योर‍िटी की तो कोई भी आतंकी हमला, बम ब्लास्‍ट और धमाका इस ब्रिज का कुछ नही बिगाड़ सकेगा. प्रोजेक्‍ट को पूरा करने का काम कर रही केआरसीएल की च‍िनाब ब्रि‍ज संरचना पर उत्‍तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल का कहना है कि इस ब्रिज को पूरी तरह से ब्लास्‍ट लोड के लिये बनाया है.

डीआरडीओ से परामर्श

भारत में पहली बार डीआरडीओ के परामर्श से ब्लास्‍ट लोड के ल‍ि‍ये इस पुल को बनाया गया है. इस ब्र‍िज पर क‍िसी ब्लास्‍ट का कोई असर नहीं पड़ेगा. ऐसा इसलिए क‍िया गया है क‍ि इस रूट का सबसे ज्‍यादा प्रयोग हमारे सैन्‍य बल के साथ-साथ उसके रसद, गोला बारूद या देश की सुरक्षा से जुड़े सामान आदि की जल्‍द से जल्‍द आवाजाही व सप्‍लाई के लि‍ये प्रयोग किया जा सकेगा.

सुरक्षा पहलुओं का भी खास ध्‍यान

इस ल‍िहाज से इसका ज्‍यादा ख्‍याल रखा गया है. पड़ोसी मुल्‍क अक्‍सर अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देता रहा है. ऐसे में इसका रेलवे ने विशेष ख्‍याल रखा है. इसके अलावा अन्‍य सुरक्षा पहलुओं का भी खास ध्‍यान रखा गया है. रेलवे इस ब्र‍िज का अंतिम ऑर्क लगाने का काम पूरा कर लिया है. अगले दो ढ़ाई साल में रेल पुल पर रेल लाइन बि‍छाने का काम पूरा कर ल‍िया जाएगा.