नई दिल्ली ब्यूरो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिये देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण से लेकर होली तक पर बात की. इसके साथ ही पीएम मोदी ने किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए भी खास संदेश दिया. उन्होंने कहा, ‘कृषि में आधुनिक पद्धतियां समय की जरूरत है. हमने पहले ही समय गंवा दिया है.’
पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि अधिक से अधिक किसानों को खेती करते हुए मधुमक्खी पालन भी करना चाहिए ताकि उनकी आय बढ़ सके. किसानों को आय बढ़ाने, रोजगार के और अवसर पैदा करने के लिए पारंपरिक खेती करते वक्त नए विकल्पों को भी अपनाना चाहिए.
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक गांव गुरदुम है. पहाड़ों की इतनी ऊंचाई, भौगोलिक दिक्कतें हैं. लेकिन वहां के लोगों ने मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया और आज इस जगह पर बने शहद की अच्छी खासी मांग हो रही है. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ रही है.
उन्होंने कहा, ‘साथियों मधुमक्खी पालन में केवल शहद से ही आय नहीं होती, बल्कि मोम भी आय का एक बहुत बड़ा माध्यम है. फार्मा इंडस्ट्री, फूड इंडस्ट्री, टेक्सटाइल और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में भी मधुमक्खी पालन से प्राप्त इस मोम की बहुत मांग है.
प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ की 75वीं कड़ी में कहा, ‘कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करने, किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि खेती के पारंपरिक तरीकों के साथ ही नए विकल्पों, नवोन्मेष को अपनाया जाए.’ उन्होंने कहा कि देश ने श्वेत क्रांति के दौरान यह देखा और मधुमक्खी पालन भी ऐसे ही विकल्प के रूप में सामने आ रहा है.
प्रधानमंत्री ने कृषि में ऐसे समय में आधुनिक तरीके अपनाने का आह्वान किया जब सैकड़ों किसान तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं- गाजीपुर, सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. सरकार का कहना है कि इन कानूनों से किसानों की आय बढ़ेगी और वे देश में कहीं भी अच्छे दाम पर अपनी फसल बेच सकेंगे.