नई दिल्ली/नागपुर ब्यूरो (ऑनलाइन डेस्क) : कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और प्रभाव के बीच सोमवार को देशभर में होली का पर्व मनाया जाएगा। वहीं, इससे पहले दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार समेत भारत के तमाम राज्यों में रविवार शाम को होलिका दहन किया जा रहा है। ज्योतिषियों के मुताबिक, रविवार को पूर्णिमा तिथि 27 की देर रात 2:28 बजे लगी है जो 28 मार्च की देर रात 12:39 बजे तक रहेगी। रविवार को सूर्यास्त 6:11 बजे होगा, इसलिए प्रदोष काल 6:59 बजे तक रहेगा, इसलिए होलिका दहन पूर्णिमा रात रविवार को शाम सात बजे लेकर 12:39 बजे तक किया जा सकता है। वैसे होलिका दहन का सबसे अच्छा समय रात नौ से 11 बजे तक है।
वहीं, विद्वानों का कहना है कि होलिका दहन की लौ भी शुभ-अशुभ का भी संकेत देती है। कहा जाता है कि होलिका दहन के दौरान जब लौ पूर्व दिशा की ओर उठती है तो इससे भविष्य में धर्म, अध्यात्म, शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में लाभ होता है। विकास होता है। इसके विपरीत होलिका दहन के दौरान अगर पश्चिम में आग की लौ उठे तो पशुधन को लाभ होता है। इसी तरह लौ के उत्तर की ओर रुख करने पर देश व समाज में सुख-शांति बनी रहती है। इसी कड़ी में दक्षिण दिशा में होली की लौ हो तो अशांति और क्लेश बढ़ता है। झगड़े-विवाद होते हैं। पशुधन की हानि होती है और तो और आपराधिक मामले भी बढ़ते हैं।
होलिका दहन रविवार मार्च 28, 2021
- होलिका दहन मुहूर्त : रविवार शाम 6 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 56 मिनट तक है।
- इस दौरान अवधि : 2 घंटे 20 मिनट रहेगा।