Home Social #National_Unity_Day | आखिर सरदार पटेल की जयंती पर क्यों मनाया जाता है...

#National_Unity_Day | आखिर सरदार पटेल की जयंती पर क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस?

627

31 अक्टूबर को भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है. हर साल इस दिन को नेशनल यूनिटी डे या राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. राष्ट्रीय एकता दिवस का इतिहास क्या है और सरदार पटेल की जयंती पर क्यों मनाया जाता है? इस बारे में नागपुर के सरदार पटेल युवक मंडल के अध्यक्ष उमेश पटेल ने “आत्मनिर्भर खबर डॉट कॉम” से बात करते हुए दी है. जानिए इस बारे में सब कुछ.

सरदार पटेल युवक मंडल के अध्यक्ष उमेश पटेल ने बताया, 31 अक्टूबर को भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है. हर साल इस दिन को नेशनल यूनिटी डे या राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस साल सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती है. दरअसल, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 560 रियासतों को भारत संघ में एकीकृत करने में अहम भूमिका निभाई थी. राष्ट्र को एकजुट करने के लिए सरदार पटेल के किए प्रयासों को स्वीकार करने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है.

सरदार पटेल युवक मंडल के अध्यक्ष उमेश पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय एकता की दिशा में उनके प्रयासों ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को ‘भारत के लौह पुरुष’ के रूप में संदर्भित किया है. वल्लभ भाई पटेल के योगदान का सम्मान करने के लिए हर साल 31 अक्टूबर को कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. केंद्र की मोदी सरकार ने 2014 में 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था.

केवड़िया में अमित शाह बोले- सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में पिरोया

देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की आज जयंती है. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की. शाह ने कहा कि केवड़िया कोई जगह नहीं, बल्कि तीर्थस्थान है. उन्होंने कहा कि पटेल ने देश को एक सूत्र में पिरोया. भारत की एकता को आज कोई तोड़ नहीं सकता है. सरदार पटेल जैसे सदियों में पैदा होते हैं. लेकिन आजादी के बाद उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया.

स्टैच्यू आफ यूनिटी का अनावरण 2018 में किया गया था. सरदार पटेल की यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है और यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. मोदी ने 2020 तक तीनों कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, लेकिन इस साल वह इसमें शामिल नहीं हो सकेंगे. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया कि शाह दिन की शुरुआत में प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और फिर एक परेड की सलामी लेंगे, जिसमें अर्द्धसैनिक बल और गुजरात पुलिस के जवान हिस्सा लेंगे.

आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ के 75 साइकिल चालक और त्रिपुरा, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर एवं गुजरात के पुलिस बलों के 101 मोटरसाइकिल चालक भी इस परेड में हिस्सा लेंगे. साइकिल चालक जवानों ने देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 9,000 किलोमीटर की जबकि मोटरसाइिकल सवारों ने 9,200 किलोमीटर की दूरी तय की है. बयान में कहा गया है, “ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में तेईस पदक विजेता भी इसमें भाग लेंगे. परेड में आईटीबीपी और गुजरात पुलिस का एक संयुक्त बैंड होगा.”

#CREDAI | क्रेडाई के प्रतिष्ठित प्रॉपर्टी एक्सपो का आज अंतिम दिन, रविवार होने से ज्यादा लोग आने की उम्मीद

Previous article@atullondhe | भाजपा कार्यकर्त्यांनी महाराष्ट्राशी दुजाभाव करणा-या मोदींच्या विरोधात काळ्या फिती लावून बोंबा माराव्यात
Next article#nagpur । एस. टी. कर्मचाऱ्यांच्या समर्थनार्थ पुन्हा भाजयुमोचे धरणे सुरू, अनेक कार्यकर्त्यांना अटक
वाचकांनो आपन “आत्मनिर्भर खबर डॉट कॉम” ला ट्वीटर, इंस्टाग्राम आणि फेसबुक पर फॉलो करत आहात ना? अजूनपर्यंत ज्वाइन केले नसेल तर आमच्या अपडेट्स साठी आत्ताच क्लिक करा (ट्वीटर- @aatmnirbharkha1), (इंस्टाग्राम- @aatmnirbharkhabar2020), (यू ट्यूब-@aatmnirbhar khabar )(फेसबुक- @aatmnirbharkhabar2020).