Home International Earthquak | ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और भारत के कई हिस्सों में आया तेज़...

Earthquak | ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और भारत के कई हिस्सों में आया तेज़ भूकंप

750
नई दिल्ली ब्यूरो : जम्मू कश्मीर से लेकर दिल्ली-एनसीआर और पंजाब तक शुक्रवार की देर रात भूकंप के तेज़ झटकों से थर्रा गया. इस भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान बताया जा रहा है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 मापी गई है. यह भूकंप 10:31 मिनट पर आया. भूकंप के झटके भारत के कई शहरों के अलावा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी महसूस किए गए.

ताजिकिस्तान के बाद भारत में पंजाब के अमृतसर में 10:34 मिनट पर 6.1 तीव्रता का तेज़ कंपन्न महसूस किया गया. कंपन्न इतना तेज़ था कि सर्द रात में सोने की तैयारी कर रहे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. हालांकि भूकंप से जानमाल के नुकासन की अभी खबर नहीं है. भूकंप आने के तुरंत बाद ये माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी टॉप ट्रेंड करने लगा.

कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने भी भूकंप के ज़ोरदार झटके महसूस किए. उन्होंने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “कयामत से क्या डरे कोई, अब कयामत भी रोज़ आती है. एक बार फिर दिल्ली में भूकम्प के झटके महसूस हुए..उम्मीद है सभी लोग महफ़ूज़ होंगे.”

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अमृतसर में भूकंप से अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकल प्रशासन हालात पर करीब से निगाह रखे हुए हैं. उन्होंने सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की है.

भूकंप क्यों आता है?

हमारी धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है. ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है.

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. सैंकड़ो किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है. लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर सुनामी उठती है.

Previous articleGood News | चंडीगढ़ की तर्ज पर नागपुर शहर में बन रहा है साइकिल ट्रैक
Next articleमहाराष्ट्र ही क्रांतीची भूमी याच भूमीतून पुन्हा क्रांती करून नवा इतिहास घडवा : एच. के. पाटील
वाचकांनो आपन “आत्मनिर्भर खबर डॉट कॉम” ला ट्वीटर, इंस्टाग्राम आणि फेसबुक पर फॉलो करत आहात ना? अजूनपर्यंत ज्वाइन केले नसेल तर आमच्या अपडेट्स साठी आत्ताच क्लिक करा (ट्वीटर- @aatmnirbharkha1), (इंस्टाग्राम- @aatmnirbharkhabar2020), (यू ट्यूब-@aatmnirbhar khabar )(फेसबुक- @aatmnirbharkhabar2020).