Home Award #Nagpur | अनेक चुनौतियाें के बावजूद बरकरार है पत्रकारिता की विश्वसनीयता

#Nagpur | अनेक चुनौतियाें के बावजूद बरकरार है पत्रकारिता की विश्वसनीयता

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पीएचडी पाने वाले पत्रकारों के सत्कार समारोह में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल के उद्गार

नागपुर ब्यूरो : हिंदी पत्रकार संघ (मध्य भारत) के तत्वावधान में मंगलवार को शहर के सिविल लाइंस स्थित प्रेस क्लब में हिंदी पत्रकारिता के जनक बाबूराव विष्णु पराड़कर की जयंती तथा राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य में पीएचडी पाने वाले पत्रकारों का सत्कार समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सूचना आयुक्त राहुल पांडे ने की. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल मुख्य अतिथि थे.

विशेष अतिथि के रूप में लोकमत समाचार के वरिष्ठ संपादक विकास मिश्र, दैनिक भास्कर के संपादक मणिकांत सोनी, नवभारत के समूह संपादक संजय तिवारी, हिंदी पत्रकार संघ के मार्गदर्शक आनंद निर्बाण, अध्यक्ष नंदकिशोर पुरोहित, महासचिव मनीष सोनी मंच पर विराजित थे. समारोह में पीएचडी प्राप्त डॉ. बबन नाखले, डॉ. राजू मिश्रा, डॉ. मोइज हक, डॉ. अनंत कोलमकर, डॉ. आशीष दुबे, डॉ. अतुल पांडे, डॉ. जितेंद्र ढवले, डॉ. योगेश पांडे, डॉ. गणेश खवसे, डॉ. संजय डफ, डॉ. मंगेश गोमासे का सत्कार किया गया.

अपने संबाेधन में प्रो. शुक्ल ने कहा कि आज तकनीक तेजी से विकसित हो रही है और वह दिन दूर नहीं जब दुनिया में होने वाली घटनाओं को हर व्यक्ति घर बैठे लाइव देख सकेगा. लेकिन, इस तेजी के कारण सत्य क्या है, यह समझ पाना कठिन हो जाता है. ऐसे में प्रिंट मीडिया की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है. यही वजह है कि 24 घंटे चैनल देखने के बावजूद अभी भी सत्यापन के लिए सुबह अखबार का इंतजार किया जाता है. अखबारों की यही विश्वसनीयता पत्रकारिता की ताकत है. पत्रकारों की व्यक्तिगत परेशानियों के साथ ही पत्रकारिता में अनेक चुनौतियां हैं. इसके बावजूद आज भी पत्रकारिता की विश्वसनीयता बरकरार है, जिसे आगे भी कायम रखना होगा.

सूचना आयुक्त राहुल पांडे ने कहा कि पत्रकारिता क्षेत्र में सुधार लाने के लिए पत्रकारों के काम की परिस्थिति में सुधार लाने की जरूरत है. तकनीक के साथ आगे बढ़ना जरूरी है और हमें हमारे यहां मौजूद विश्वविद्यालयों का कौशल उन्नयन के लिए लाभ लेना चाहिए. जिन पीएचडी प्राप्त पत्रकारों का सत्कार किया गया है उनके अनुसंधान का समाज को कैसे लाभ मिल सकता है, इस पर भी काम करने की जरूरत है.

इस अवसर पर विकास मिश्र, मणिकांत सोनी, संजय तिवारी और डॉ. मोइज हक ने भी अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम की प्रस्तावना मनीष सोनी ने रखी. संचालन एस.पी. सिंह ने किया. आभार राजेश्वर मिश्रा ने माना.

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