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पीएम मोदी करेंगे किसानों से बात | वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज देश को विशेष गुणों वाली 35 किस्म की फसलें समर्पित करेंगे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के किसानों को नई सौगात देने वाले हैं. वह सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फसल की 35 विशेष किस्में देश के किसानों को समर्पित करेंगे. जलवायु-लचीला प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए जन जागरूकता पैदा करने के प्रयास में इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. फसलों की ये विशेष किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने विकसित की हैं.

पीएमओ (PMO) के अनुसार, प्रधानमंत्री द्वारा सभी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICMR) संस्थानों, राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंगके माध्यम से आयोजित एक अखिल भारतीय कार्यक्रम में फसल किस्मों का शुभारंभ किया जाएगा. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस, रायपुर के नवनिर्मित परिसर को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

इस अवसर पर प्रधानमंत्री कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवार्ड वितरित करेंगे, साथ ही उन किसानों के साथ बातचीत करेंगे जो नवीन तरीकों का उपयोग करते हैं और सभा को संबोधित करेंगे. इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे.

जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा विशेष लक्षणों वाली फसल किस्मों को विकसित किया गया है. जलवायु लचीलापन और उच्च पोषक तत्व सामग्री जैसे विशेष लक्षणों वाली पैंतीस ऐसी फसल किस्मों को वर्ष 2021 में विकसित किया गया है. रायपुर में राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान की स्थापना जैविक तनाव में बुनियादी और रणनीतिक अनुसंधान करने, मानव संसाधन विकसित करने और नीति सहायता प्रदान करने के लिए की गई है. संस्थान ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 से पीजी कोर्स शुरू कर दिए हैं.

पीएम मोदी आज जिन फसलों की विशेष किस्म की सौगात देश को देने वाले हैं, उन फसलों में चने की ऐसी एक फसल भी होगी जो आसानी से सूखे की मार झेल सकती है. अरहर की पैदावार बढ़़ाने के लिए रोग प्रतिरोधी फसल को भी शामिल किया गया है. जल्दी पकने वाली किस्म और रोग प्रतिरोधक क्षमता वाला चावल भी विकसित किया गया है. इसके अलावा बाजरा, मक्का, कुट्टू जैसी फसलों की अलग वैरायटी भी देश को आज मिलने जा रही है.

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