नागपुर : भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के हाल में चुनाव हुए है. इसके 11 सदस्यों की नियुक्ति करने हेतु सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक चुनाव पद्धति अपनाकर 20 और 22 अगस्त को चुनाव करवाए थे. लेकिन इस चुनाव दौरान धांधली होने का अब आरोप होने लगा है. प्रोग्रेसिव पैनल के संयोजक डॉ. बलवंत मेश्राम ने धांधली का आरोप लगाते हुए जाँच की मांग की है. उनका कहना है कि इस चुनाव में सिर्फ 40 हजार के करीब ही वोट धांधली रोकने के लिए प्रशासन इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली का इस्तेमाल नहीं करता तो चुनाव में धांधली को टाला जा सकता था.
@PMOIndia @narendramodi जी हम भारत की पशुचिकित्सा कौन्सीलके e-चुनाव के संबंध मे आपके कार्यालयको, आपको आगाह करते आये है. आपके नेतृत्व वाले भारत सरकार की साख दाव पर है. e-चुनाव प्रक्रिया 20 से 22 अगस्त को हुई, जीसमे हुई धांधली की CBI से जांच करनेकीं विनंती हमने लिखितमे बार बार की..
— Balwant Meshram (@BalwantMeshram) August 27, 2020
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में धांधली की उम्मीद सभी को थी. धांधली करने वाले ही चुनकर भी आए ऐसा आरोप भी उन्होंने किया. पैनल के संयोजक के नाते सिर्फ अंदेशा ही नहीं दस्तावेज भी हमने सरकार के सामने रखे थे. अभी तक सात निवेदन हमने सरकार और प्रशासन को पेश किए हैं लेकिन इस पर कुछ नहीं हुआ ऐसा मेश्राम ने आरोप लगाया है.
सीबीआई जाँच की मांग : उनका कहना है कि चुनाव का मजाक बनाया गया, मशीनों के खेल में वोटों की हेराफेरी हुई ऐसा भी उन्होंने आरोप किया है. उन्होंने मांग की है कि ऐसी ताकतों को रोकने के लिए इस प्रक्रिया की जांच सीबीआई से करवाई जाए. उन्होंने यह भी कहा कि न्यायालय इसका संज्ञान लेकर सू मोटो याचिका स्वीकार करें तो इस मामले में दोषियों को दंडित किया जा सकता है.