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आत्मनिर्भर | खाली वक्त में ज्वेलरी डिजाइन शुरू किया, आज हर महीने लाख रुपए कमा रहीं विश्वा

आत्मनिर्भर बनने की ये कहानी अहमदाबाद की रहने वाली विश्वा मोदी की है। विश्वा एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थीं। 2016 में प्रेग्नेंसी की वजह से उनका ऑफिस जाना बंद हो गया। वे घर पर रहने लगीं। इस दौरान उनका ज्यादातर वक्त खाली गुजरता था। उन्होंने खुद का मन बहलाने के लिए ज्वेलरी डिजाइनिंग का काम करना शुरू किया। आगे चलकर उन्होंने इसी काम को बिजनेस में बदल दिया। आज विश्वा इससे हर महीने एक लाख रुपए कमा रही हैं।

ज्वेलरी बेचने वाले बच्चे से मिला आइडिया

विश्वा बताती हैं कि कुछ साल पहले मार्केट में एक लड़के को मैंने ज्वेलरी बेचते देखा था। उसकी उम्र महज 12 साल थी। पूछने पर उसने बताया कि वह खुद ही ज्वेलरी डिजाइन करता है और फिर मार्केट में बेचता है। हालांकि तब मैं जॉब करती थी। इसलिए उस वक्त काम शुरू करने के बारे में सोचा नहीं था। प्रेग्नेंसी के दौरान मैं जब घर पर रहने लगी तो मुझे लगा कि कुछ काम करना चाहिए। बहुत सोचने के बाद मुझे उस लड़के का ख्याल आया। मुझे लगा कि जब वो 12 साल का लड़का ज्वेलरी डिजाइन करके बेच सकता है, तो मैं ये काम क्यों नहीं कर सकती।

शुरुआत 300 रुपए से

विश्वा बताती हैं कि मैंने सिर्फ 300 रुपए से ज्वेलरी मेकिंग का काम शुरू किया था। ज्वेलरी डिजाइन करने के बाद मैंने मार्केट में एक दुकानदार से बात की। उन्हें मेरी डिजाइनिंग पसंद आई। इसके बदले उन्होंने 1200 रुपए दिए। इससे मेरा आत्मविश्वास जगा। मुझे लगा कि ये काम प्रोफेशनल लेवल पर शुरू किया जा सकता है। धीरे-धीरे मैंने काम बढ़ाना शुरू किया। एक के बाद एक ऑर्डर मिलने शुरू हो गए और आमदनी भी बढ़ती गई।

वे कहती हैं कि बच्चे को जन्म देने के बाद भी मैंने नौकरी करने का प्लान नहीं किया। मैंने तय किया कि अब मैं अपने इसी काम को आगे बढ़ाऊंगी। मैं मार्केट से रॉ मटेरियल खरीदकर घर में ज्वेलरी डिजाइन करती हूं। वे बताती हैं कि मार्केटिंग के लिए मैंने सोशल मीडिया का सहारा लिया। मैं अलग-अलग ज्वेलरी डिजाइन करके सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगी। इसका फायदा ये हुआ कि जल्द ही मुझे अहमदाबाद के साथ ही दूसरे शहरों से भी ऑर्डर मिलने लगे। पिछले करीब चार साल से विश्वा सोशल मीडिया के जरिए मार्केटिंग कर रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने 700 से ज्यादा रिटेलर्स से भी टाइअप किया है। वे ज्वेलरी डिजाइन करके उन्हें देती हैं और रिटेलर्स उसकी मार्केटिंग करते हैं।

महिलाओं को दे रहीं है ट्रेनिंग

विश्वा बताती हैं कि पिछले साल लगे लॉकडाउन के दौरान हमने लाखों लोगों को बेरोजगार होते देखा। इसी दौरान उन्होंने विचार किया कि क्यों न अपना हुनर ऐसे लोगों को भी दिया जाए, जिससे वे घर बैठे ही कमाई कर सकें। खासतौर पर महिलाएं। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य चैनल के जरिए लोगों को ज्वेलरी मेकिंग की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। अब तक करीब 800 लोग उनसे ट्रेनिंग लेकर इस बिजनेस से जुड़ चुके हैं।

विश्वा बताती हैं कि मेरा टारगेट 10 लाख महिलाओं को ट्रेंड करने का है। इसके लिए मैं फ्री वेबिनार भी करती हूं, जिससे अधिक से अधिक महिलाएं सीख सकें और अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट कर सकें। उन्होंने यू-ट्यूब चैनल पर अपने कई वीडियोज भी अपलोड किए हैं, जिससे महिलाओं को ज्वेलरी मेकिंग सीखने में मदद मिल सके। इंटरनेट के जरिए विश्वा से आज हजारों लोग जुड़े हुए हैं। इतना ही नहीं, कई विदेशी महिलाएं भी उनसे ऑनलाइन कोचिंग ले रही हैं।

पति का मिला पूरा सपोर्ट

विश्वा बताती हैं कि पति प्रोफेसर थे। जब मैंने उनसे इस बिजनेस के बारे में बात की थी तो उनकी तरफ से मुझे बहुत सपोर्ट मिला। उनके सपोर्ट की वजह से ही आज मैं यहां तक पहुंची हूं। और खुद के बिजनेस के साथ-साथ दूसरे लोगों को भी इंस्पायर कर रही हूं, उन्हें ट्रेनिंग दे रही हूं। इतना ही नहीं, विश्वा के बिजनेस को आगे ले जाने के लिए उनके पति ने अपनी नौकरी भी छोड़ दी। अब वे भी विश्वा के बिजनेस को आगे ले जाने में उनका सहयोग कर रहे हैं। विश्वा बताती हैं कि हमारी कोशिशों से आज काफी लोग मुसीबतों से निकलकर खुद का बिजनेस कर रहे हैं।

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