मुंबई ब्यूरो: कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर रिजर्व बैंक ने अचानक राहत पैकेज लाकर चौंका दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसी राहत पैकेज में अगर आपने बैंक से लोन लिया है तो उस पर मोरेटोरियम की सुविधा शुरू करने के लिए बैंकों से कहा है। हालांकि यह बैंकों के ऊपर है कि वे आपको इसका लाभ देंगे या नहीं और किस तरह देंगे, यह भी उन्हीं के ऊपर है। हम बताते हैं कि आपको इस मोरेटोरियम से कैसे मदद मिल पाएगी।
RBI ने महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन के कारण होने वाली दिक्कतों से उबरने के लिए 2 साल तक के लोन मोरेटोरियम की घोषणा पहली बार की थी। लोन लेने वाले वे लोग, जो पहले मोरेटोरियम में इसका फायदा नहीं उठा पाए थे अब वे इस दूसरे ऑफर में फायदा उठा सकेंगे। पहले वाले अपने मोरेटोरियम पीरियड को बढ़वा सकेंगे। व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों और MSME जिनके पास 25 करोड़ रुपए तक का कुल एक्सपोजर है और जिन्होंने पहले के रीस्ट्रक्चरिंग से कोई लाभ नहीं उठाया है। जिन्हें 31 मार्च, 2021 तक स्टैंडर्ड लोन के रूप में क्लासीफाई किया गया था, वे रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 के तहत इसके लिए योग्य होंगे।
कई व्यक्तिगत कर्जदार हैं जिन्होंने इस लोन मोरेटोरियम का विकल्प पहली बार नहीं चुना। अब उन्हें अपने कर्ज चुकाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रीपेमेंट पर कोई भी डिफ़ॉल्ट न केवल इंटरेस्ट और पेनाल्टी के मामले में खर्च बढ़ा देते हैं, बल्कि किसी की क्रेडिट हिस्ट्री को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इससे भविष्य में मिलने वाले लोन में दिक्कतें आती हैं। जो भविष्य की साख को कम करता है। चूंकि पिछले मोरेटोरियम के लिए आवेदन करने का समय दिसंबर 2020 में समाप्त हो गया था, इसलिए इन कर्जदारों के पास उस मोरेटोरियम का लाभ उठाने का कोई विकल्प नहीं बचा था। रिजर्व बैंक द्वारा घोषित नए मोरेटोरियम से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वे अब दूसरे मोरेटोरियम का लाभ उठा सकते हैं।
रिजर्व बैंक ने रिस्ट्रक्चरिंग के तहत मोरेटोरियम को 2 साल तक बढ़ाया था। यदि आपने 2020 में मोरेटोरियम का विकल्प चुना है, तो आप एक नया मोरेटोरियम प्राप्त करने के पात्र होंगे जिसके तहत आपके शेष अवधि को 2 साल तक बढ़ाया जा सकता है। जिन्होंने रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 1.0 के तहत अपने लोन के रिस्ट्रक्चरिंग का लाभ उठाया है। साथ ही जहां रिजोल्यूशन प्लान में दो वर्ष से कम की मोरेटोरियम की अनुमति है, बैंक को मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने और/या बची हुई अवधि को कुल 2 वर्ष तक बढ़ाने तक ऐसी योजनाओं को संशोधित करने के लिए इस विंडो का उपयोग करने की अनुमति दी जा रही है। जबकि बाकी सभी शर्ते हैं पहले जैसी ही रहेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्जदारों को 30 सितंबर, 2021 तक का समय दिया है ताकि वे अपने लोन के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए बैंक से संपर्क कर सकें एक बार जब आप नए मोरेटोरियम के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक को सभी शर्तों को पूरा करने पर 90 दिनों के भीतर इसे लागू करना होगा।