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लोन मोरेटोरियम मामला : केंद्र के प्रस्ताव में कई आंकड़े निराधार, अब सुनवाई 13 को

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नई दिल्ली: लोन मोरेटोरियम मामले (Loan Moratorium) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को सुनवाई हुई. मोरेटोरियम के दौरान लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) के मामले में शीर्ष न्यायालय ने कहा कि केंद्र की ओर से दायर हलफनामा कई मुद्दों का समाधान नहीं करता है. सुप्रीम कोर्ट ने असंतोष जताते हए कहा कि हलफनामे में कई मुद्दों से नहीं निपटा गया है. आरबीआई या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा कोई परिणामी सर्कुलर जारी नहीं किया गया है. कामत कमेटी की सिफारिशों पर भी विचार किया जाना है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे पहले के आदेश में RBI या अलग-अलग बैंकों द्वारा उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल करना है. अदालत ने केंद्र सरकार, आरबीआई और बैंकों को जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया. अदालत ने कहा कि हितधारक भी इन हलफनामों का जवाब देंगे. अदालत ने रियल स्टेट व अन्य पर भी राहत पर विचार करने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी.

रियल एस्टेट डेवलपर्स ने सरकार के हलफनामे पर एतराज़ जताया. CREDAI ने अदालत में कहा कि हलफनामे में सरकार के बहुत सारे तथ्य और आंकड़े बिना किसी आधार के हैं. केंद्र द्वारा हमें कोई ऋण पुनर्गठन नहीं दिया गया. एक सितंबर से हमें पूरा ब्याज देना होगा.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों के मद्देनज़र सेक्टर के हिसाब से राहत दी गई है. SC ने केंद्र से पूछा कि इस योजना के साथ बैंक कैसे आगे बढ़ेंगे, इसका विवरण दें. केंद्र ने कहा कि ये मैकेनिज्म (System) बैंक तैयार करेंगे. बैंक एसोसिएशन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने लोन चुकाने में देरी पर हमें एनपीए के रूप में खातों को वर्गीकृत करने से रोक दिया है. सरकार के प्रस्ताव का जवाब देने के लिए कुछ दिन चाहिए.

केंद्र सरकार 6 महीने के लोन मोरेटोरियम समय में दो करोड़ रुपये तक के लोन के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एमएसएमई ऋण, शैक्षिक, आवास, उपभोक्ता, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, पेशेवर और उपभोग ऋण पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा. केंद्र ने कहा कि महामारी की स्थिति में, ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे ये ही केवल समाधान है. उपयुक्त अनुदान बनाने के लिए संसद से अनुमति की मांग की जाएगी.


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