नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच रविवार को कृषि क्षेत्र से जुड़े दो विधेयक (Farm Bills) संसद में पास हो गए हैं. राज्यसभा में कृषि विधेयक ध्वनि मत (Voice Vote) से पास हो गया. इस दौरान, विपक्षी पार्टी के सांसदों ने ‘तानाशाही बंद करो’ के नारे भी लगाए. विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते एक बार 10 मिनट के लिए राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ा. विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उप सभापति के आसन के पास पहुंचकर रूल बुक फाड़ दिया.
हंगामा करते हुए विपक्षी सदस्य सदन की वेल में पहुंच गए और उप-सभापति का माइक छीनने की कोशिश की. विपक्षी पार्टी के सांसदों की मांग थी कि आगे की चर्चा के लिए विधेयकों को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए. सरकार ने जोर दिया कि ये बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगे. कृषि क्षेत्र के विधेयकों को पिछले हफ्ते लोकसभा में पास करा लिया गया था.
प्रधानमंत्री ने लिखा, “कृषि इतिहास में आज बड़ा दिन
भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं। यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2020
संसद में इस विधेयक के पास होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया. इसमें लिखा कि, “भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है. संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं. यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे.”
केंद्रीय कृषि मंत्री एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल 2020 और मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता बिल, 2020 राज्यसभा में पेश किया था.
किसान बिल के मुद्दे पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने सीधे-सीधे सरकार को चेतावनी दी. पार्टी सांसद नरेश गुजराल ने बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि बिल को पहले सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाय, ताकि उसके हितधारकों का पक्ष जाना जा सके. गुजराल ने सरकार को चेतावनी दी कि किसानों को कमजोर समझने की भूल सरकार न करे.