नागपुर ब्यूरो: खादी और ग्रामोद्योग आयोग, मंडलीय कार्यालय, नागपुर की ओर से कोराडी, महादुला स्थित यशवंत लॉन में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) लाभार्थियों को केवीआईसी चेयरमैन मनोज कुमार के हाथों मार्जिन मनी (सब्सिडी) का वितरण किया गया. इस अवसर पर वेस्ट जोन में 304.65 करोड़ ऋण में से 100.55 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित की गई. इसमें नागपुर के 27 लाभार्थियों को 76 लाख रुपए सब्सिडी वितरित की गई.
इस अवसर पर केवीआईसी, नागपुर के निदेशक राघवेंद्र महिंद्रकर, केवीआईसी के केंद्रीय सदस्य जयप्रकाश गुप्ता, केवीआईसी के पूर्व विशेषज्ञ सदस्य डॉ. दिलीप पेशवे, पीएमईजीपी हेड मनीष कांबले, केवीआईसी के सहायक निदेशक राजेंद्र खोड़के प्रमुखता से उपस्थित थे.
कारीगरों और लाभार्थियों से साधा संवाद
इस अवसर पर केवीआईसी चेयरमैन ने केवीआईसी से जुड़े कारीगरों और लाभार्थियों के साथ सीधे संवाद भी साधा. सरल स्वभाव के व्यक्तित्व के धनी मनोज कुमार ने सोफे पर बैठकर संवाद साधने के बजाय जमीन पर बैठकर वार्तालाप किया. उनका कहना था कि जब हम जमीन से जुड़े रहते हैं तो हर काम करना आसान हो जाता है. इसलिए मैं हमेशा जमीन से जुड़ा रहने का प्रयास करता हूं. इस अवसर पर विभिन्न कारीगरों और लाभार्थियों ने अध्यक्ष के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं. इनमें से कुछ का तो उन्होंने तुरंत संबंधितों को कॉल कर समाधान कर दिया जबकि कुछ के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देकर समस्याएं हल करने के निर्देश उन्होंने दिए.
वन नेशन, मोअर प्रोडक्ट की नीति पर जोर
मनोज कुमार ने कहा कि केवीआईसी वन नेशन, मोअर प्रोडक्ट की नीति पर काम कर रहा है. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत अब तक 1800 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित की गई है. केवीआईसी ऑनलाइन के मार्केट प्लस का लाभ कारीगरों को मिल रहा है. खादी फेस्ट पहले मुंबई में साल में एक बार होता था, जो अब साल में दो बार होने लगा है. राज्यस्तर, जोनस्तर पर प्रदर्शनी का आयोजन करके हम बिक्री के लिए मार्केट उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं. हमारे लिए बड़ी खुशी की बात है कि केवल एक फेस्ट में 13 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है. पिछले वित्त वर्ष में 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपए की बिक्री हुई है. महाराष्ट्र में 24.38 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित की गई है.
कॉटन के लिए प्रोसेसिंग प्लांट बनाने पर विचार
मनोज कुमार ने कहा कि हम विदर्भ में कपास की ज्यादा पैदावार को देखते हुए यहां कपास पर आधारित प्रोसेसिंग प्लांट बनाने पर विचार कर रहे हैं. इसके लिए हम पहले सभी पहलुओं का अध्ययन करेंगे, इसके बाद सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा. वहीं, देश में खादी प्लाजा तैयार करने की ओर भी विचार किया जा रहा है.
महिलाओं की संख्या प्रशंसनीय
पीएमईजीपी के अंतर्गत काम करने वाले 70 लाख लोगों में से 24 लाख महिलाएं होना प्रशंसनीय है. महिलाएं रोजगार सृजन कार्यक्रम का लाभ उठा रही हैं और हम भी उनकी सहायता करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं.