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#Pune | एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे द्वारा देश में पहली बार कॉन्शियसनेस – ‘द अल्टीमेट रियलिटी’ पर दो दिवसीय वैश्विक सम्मेलन

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14 और 15 नवंबर को एमआईटी डब्ल्यूपीयू, कोथरूड, पुणे में आयोजन

पुणे ब्यूरो: एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूपीयू) पुणे के एमआईटी स्कूल ऑफ कॉन्शियसनेस एंड अल्टीमेट रियलिटी, पुणे की ओर से देश में अपनी तरह का पहला दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है. ऐसी जानकारी एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में दी.

इस सम्मेलन का उद्घाटन सोमवार १४ नवंबर को सुबह १० बजे संत श्री ज्ञानेश्वर सभागार, एमआईटी डब्ल्यूपीयू कोथरूड में किया जाएगा. इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं बिजभाषण नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, विश्व विख्यात कंप्यूटर विशेषज्ञ पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर करेंगे. एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे.

साथ ही एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ. दीपक रानडे, एमआईटी स्कूल ऑफ कॉन्शियसनेस एंड अल्टीमेट रियलिटी के निदेशक डॉ. जयंत खंदारे इस सम्मेलन के मुख्य आयोजक और सह संयोजक होंगे.

सम्मेलन का समापन समारोह १५ नवंबर को शाम ४ बजे होगा. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारतीय संतों और दार्शनिकों द्वारा समाज कल्याण के लिए प्रस्तावित सुख, संतोष और शांति के सिद्धांतों को पूरे विश्व में प्रस्तुत करना, विज्ञान और अध्यात्म के सूत्र को धारण करके विश्व में शांति के लिए काम करना है.

दार्शनिक संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज ने कहा था कि सारा ब्रह्मांड जागरूक और बुद्धिमान है. वहीं विश्व विख्यात वैज्ञानिक डॉ. अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा, मैं ब्रह्मांड के व्यवस्थित समन्वय में ईश्वर को देखता हूं. इस प्रकार अध्यात्म और विज्ञान दोनों के माध्यम से व्यक्त चेतना और परम सत्य पर इस सम्मेलन में चर्चा होगी.

सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर चेतना के विषय पर काम करने वाले पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर, डॉ.यूलिस डी. कार्पो, डॅा. अ‍ॅटोनेल्ला वॅनिनी, डॉ. अ‍ॅलेक्स हॅन्की, डॉ. मोहन उत्तरवार, डॉ.इएस.पी. शुक्ला, मा. महंत योगी अमरनाथ, डॉ. दीपक रानडे जैसे कई दार्शनिक, वैज्ञानिक , तत्वचिंतक , विद्वान हिस्सा लेने जा रहे है. क्वॅाटम फिजिक्स, सिंट्रोपी, फ्री-विल-डिटर्मिनजम, ब्रेन एंड न्यूरोलॉजी अ‍ॅाफ कॉन्सियनेस जैसे वैज्ञानिक, दार्शनिक और अध्यात्मिक विषयों पर अपनी अवधारणाओं पर चर्चा करेंगे.

दार्शनिक संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज, जगद्गुरू तुकाराम महाराज ने महाराष्ट्र के अन्य संतों के साथ समाज में शांति और मानव सुख के लिए काम किया. साथ ही स्वामी विवेकानंद के अनुसार २१ वीं सदीं में भारत विश्व गुरू बनेगा. इन सिध्दांतों को साकार करने में यह सम्मेलन अहम भूमिका निभाएंगा.

आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डॉ. दीपक रानडे, डॉ. जयंत खंदारे, डॉ. संजय उपाध्ये, डॉ. एलेक्स हैंकी और एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कुलपति डॉ. आर.एम. चिटणीस और प्र कुलपति डॉ. मिलिंद पांडे. उपस्थित थे.

 

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