Home Covid-19 ओमिक्रॉन पहुंचा भारत, कर्नाटक में दो केस पाए जाने की पुष्टि

ओमिक्रॉन पहुंचा भारत, कर्नाटक में दो केस पाए जाने की पुष्टि

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कोरोना का सबसे तेज म्यूटेशन वाला वैरिएंट ओमिक्रॉन भारत में पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2 दिसंबर को कर्नाटक में दो ओमिक्रॉन केस पाए जाने की पुष्टि की है। दुनिया में तहलका मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा म्यूटेशन वाले ओमिक्रॉन को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) पहले ही वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर चुका है। 24 नवंबर को साउथ अफ्रीका में पहला केस मिलने के बाद से एक हफ्ते के अंदर ही भारत, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस समेत दुनिया के 29 देशों में ओमिक्रॉन के केस मिल चुके हैं।

इसके साथ ही सरकार ने चेतावनी दी है कि ओमिक्रॉन डेल्टा से 5 गुना ज्यादा खतरनाक है। इसलिए सभी को जागरूक रहने की जरूरत है। हालांकि डरने की कोई बात नहीं है। बस अपनी जिम्मेदारी निभानी है और मास्क पहनना है। कोरोना से बचाव के लिए सभी जरूरी उपाय अपनाने हैं।

हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी डॉ. लव अग्रवाल, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और ICMR के जनरल डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव ने गुरुवार को इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि भारत में मिले दोनों मरीजों में अब तक कोई गंभीर लक्षण सामने नहीं आए हैं। दुनिया भर में भी ऐसे मरीजों में हल्के लक्षण ही दिखाई दे रहे हैं। WHO नए वैरिएंट की खासियत और असर पर स्टडी कर रहा है।

देश के 55% केस केरल और महाराष्ट्र में

लव अग्रवाल ने बताया- एक महीने से देश में कोरोना के केस लगातार घट रहे हैं। चिंता की बात यह है कि 15 जिलों में अब भी पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा है। 18 जिलों में यह रेट 5 से 10% बनी हुई है। केरल और महाराष्ट्र ही दो राज्य हैं जहां 10 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं। देश के 55% से ज्यादा केस यहीं हैं। उन्होंने बताया कि 49% आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लगे। घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू हो चुका है। देश में अभी कोरोना के 99,763 एक्टिव केस हैं। पिछले 24 घंटे में 9,765 नए मामले सामने आए हैं।

दक्षिण अफ्रीका में पहली बार मिला था ओमिक्रॉन

ओमिक्रॉन वैरिएंट पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिला था। इससे संक्रमित व्यक्ति का 9 नवंबर को सैंपल लिया गया था। 25 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका ने इसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को बताया था। 26 नवंबर को WHO ने नए वैरिएंट B.1.1.529 को ओमिक्रॉन नाम दिया। इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न कैटेगरी में रखा गया है। इसके सामने आने के बाद कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों पर रोक लगा दी थी।

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