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Investment | रिटायरमेंट के लिए इस फंड में लगाएं पैसा, 60 साल पर मिलेगा 3.5 करोड़

रिटायरमेंट फंड की जब भी बात होती है तो दिमाग में पेंशन प्लान आता है. इसमें सबसे पहले ईपीएफ ईपीएफ या पीपीएफ पीपीएफ का नाम जहन में आता है. अब इस कड़ी में एलआईसी का सरल पेंशन प्लान भी जुड़ गया है. इन सबके बीच शायद ही कभी हम म्यूचुअल फंड के बारे में सोच पाते हैं जो रिटायरमेंट के लिए बेहद कारगर साबित हो सकते हैं. ईपीएफ या पीपीएफ जैसे पेंशन प्लान को रिटायरमेंट के लिए अच्छा मान सकते हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड के सामने इसका फायदा कम नजर आता है.

म्यूचुअल फंड को लेकर थोड़ी शंका बाजार के रिस्क को लेकर होती है. इसे दूर सकते हैं और फंड का अलग-अलग पोर्टफोलियो बनाएं तो रिस्क बहुत हद तक कम हो जाता है और रिटर्न की मात्रा बढ़ जाती है. म्यूचुअल फंड में 20-30 साल का निवेश और बाद में एसआईपी के जरिये उसमें पैसे लगाकर रिटायरमेंट के लिए अच्छी खासी राशि जोड़ी जा सकती है. जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है, उस हिसाब से बैंक या एफडी में निवेश फायदा नहीं दे सकते. रिटायरमेंट के लिए वहीं पैसा लगाना होगा जहां 10 परसेंट से ज्यादा का रिटर्न मिले. इसे देखते हुए ईपीएफ या पीपीएफ की तुलना में म्यूचुअल फंड ज्यादा काम आएंगे.

कम पैसे में भी शुरू कर सकते हैं निवेश

आप कोई भी पेंशन प्लान लेने जाएं तो उसमें निवेश की न्यूनतम और अधिकतम राशि फिक्स होती है. म्यूचुअल फंड के साथ यह बात नहीं है. रिटायरमेंट के लिए म्यूचुअल फंड की एसआईपी में आराम से कम पैसे में भी निवेश शुरू कर सकते हैं. एसआईपी में हर महीने किसी फंड में एक निश्चित राशि जमा करनी होती है. इसमें निवेश करने की अधिकतम सीमा नहीं है और आप अपनी सुविधा के हिसाब से हर महीने जमा की जाने वाली राशि को निर्धारित कर सकते हैं. एसआईपी निवेशक को रुपये-पैसे के प्रबंधन की जानकारी मिलती है जो रिटायरमेंट में काम आती है.

अगर आप 30 साल के है तो…

इसे एक उदाहरण से समझिए. मान लें कि आप 30 साल के हैं और आपने 10,000 रुपये से एक मंथली एसआईपी शुरू की. आपने 12 परसेंट रिटर्न के हिसाब से 30 साल तक पैसा जमा किया. जब आप 60 साल के होंगे तो आपके पास 3.50 करोड़ रुपये की जमा राशि होगी. हल्के-फुल्के रिस्क के साथ शायद ही कोई प्लान एकसाथ इतना बड़ा रिटर्न दे पाएगा. एसआईपी के जरिये रिटर्न के अलावा और भी कई बड़े फायदे मिलते हैं. एसआईपी में आप कम से लेकर जितना पैसा जमा करना चाहें, कर सकते हैं. इसके लिए कोई बंदिश नहीं है. रिटायरमेंट फंड को और भी मजबूत बनाना चाहते हैं तो सिस्टमेटिक ट्रांसफर प्लान के जरिये इक्विटी और डेट प्लान में अपनी सुविधा के हिसाब से अदला-बदली कर सकते हैं. ऐसा करने से म्यूचुअल फंड में रिस्क घट जाता है और रिटर्न की मात्रा बढ़ जाती है.

और भी कई फायदे हैं

रिटायरमेंट फंड के लिए म्यूचुअल फंड का एक और बड़ा फायदा है. आप चाहें तो रिटायरमेंट फंड के लिए म्यूचुअल फंड से हुई कमाई पर टैक्स बचा सकते हैं. इसके लिए आपको इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम ELSS लेने की जरूरत होगी. आप इससे हर साल अपनी टैक्स देनदारी को बचा सकते हैं. ईएलएसएस पूरी तरह से टैक्स सेविंग स्कीम है जिस पर इनकम टैक्स की धारा 80C के अंतर्गत छूट मिलती है. पेंशन प्लान की तुलना में रिटायरमेंट के लिए म्यूचुअल फंड कई तरह की सुविधाएं देते हैं. पेंशन प्लान में पैसे निकालने पर भी कई तरह की पाबंदी और नियम है. म्यूचुअल फंड में आप जब चाहें पूरा या आंशिक निकासी कर सकते हैं. आप चाहें तो अपना निवेश रोक सकते हैं या किसी दूसरे म्यूचुअल फंड में ट्रांसफर कर सकते हैं.

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