नई दिल्ली ब्यूरो : ऑटो सेक्टर में स्वदेशी कलपुर्जों के इस्तेमाल को लेकर सरकार ने अपना रुख सख्त कर लिया है। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर ऑटो कंपनियां स्वदेशी कलपुर्जों को बढ़ावा देने लिए गंभीरता नहीं दिखाती हैं तो सरकार इनके आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा देगी। उन्होंने कहा कि ऑटो कंपनियों को आयात बंद करना चाहिए और घरेलू कंपनियों को कम लागत पर आयात का विकल्प विकसित करना चाहिए।
गडकरी ने Automotive Component Manufacturers Association of India (ACMA) के छठे Technology Summit को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘मैं ऑटो मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का अनुरोध कर रहा हूं। अन्यथा हमें ऑटो पार्ट्स के आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने पर विचार करना होगा। इसलिए इंडस्ट्री के पास यह मेक इन इंडिया मूवमेंट को सपोर्ट करने का समय है।’
100 फीसदी स्वदेशी कलपुर्जों का हो इस्तेमाल
केंद्र पहले ही ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स के आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी बढ़ा चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिकल्स, ग्लास और इंजन कंपोनेंट्स जैसे कई ऑटो पार्ट्स पर आयात शुल्क बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया था। पहले इन पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5 फीसदी से 10 फीसदी थी।
गडकरी ने कहा, ‘कंपोनेंट्स सेक्टर की मजबूत क्षमताओं के कारण ही भारत में वाहन उद्योग करीब 70 फीसदी लोकलाइजेशन हासिल करने में कामयाब रहा है। मैं वाहन और कलपुर्जे बनानी वाली कंपनियों से अनुरोध करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा घरेलू कलपुर्जों का इस्तेमाल करें। मैं 100 फीसदी स्वदेशी कलपुर्जों के इस्तेमाल की उम्मीद करता हूं। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सपोर्ट करने के लिए सरकार वीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को अंतिम रूप दे रही है। साथ ही स्टील जैसे कच्चे माल की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।’