Home हिंदी एयरफोर्स डे: गरजा राफेल, तेजस और शिनूक ने भी खूब दिखाया दम

एयरफोर्स डे: गरजा राफेल, तेजस और शिनूक ने भी खूब दिखाया दम

754

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने गुरुवार को अपना 88वां स्थापना दिवस मनाया. भारतीय वायु सेना की वर्ष 1932 में स्थापना हुई थी. इसके बाद से 8 अक्टूबर को हर साल वायु सेना दिवस मनाया जाता है.

https://www.instagram.com/tv/CGCzSvvpwfR/?utm_source=ig_web_copy_link

इस बार के आयोजन में कुल 56 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया था. इनमें 19 फ़ाइटर, 19 हेलीकॉप्टर, 7 ट्रांसपोर्ट, 9 सूर्य किरण एरोबैटिक टीम के हॉक और 2 विंटेज शामिल रहे. एयरफोर्स के बेड़े में इस बार राफेल को भी शामिल किया गया. राफेल के अलावा वायुसेना के अन्य लड़ाकू विमानों तेजस, मिराज, सुखोई और शिनूक, स्वदेशी रुद्र ने भी नीले आसमान में उड़ान भरकर अपनी ताकत दिखाई.

https://www.instagram.com/p/CGE6hf_p1_n/?utm_source=ig_web_copy_link

इस बार के समारोह में खास बात ये रही कि सभी फाइटर जेट्स 5-5 की फॉर्मेशन में उड़ान भरते नजर आए. जबकि पहले ये विमान 3-3 की फॉर्मेशन में ही उड़ते थे. वायुसेना के भारी परिवहन विमान ग्लोवमास्टर और सुपर हर्कुलिस भी हिंडन एयरबेस के आसमान में अपनी गरिमामय चाल से उड़ते नज़र आए.

इन भारी सैन्य परिवहन विमानों ने मई में चीन के साथ तनातनी शुरू होने के कुछ घंटे के भीतर ही लेह की लगातार उड़ान भरकर टैंक, तोपें, रसद, गोलाबारूद और सैनिकों को एलएसी तक पहुंचाने के लिए हवा में एक पुल बना दिया था. जिन्हें बाद में चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए लेह से चुशूल, दौलत बेग ओल्डी तक पहुंचाया गया.

वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने अपने संबोधन में मिलिट्री में सीडीएस की नियुक्ति को एक लैंडमार्क डिसीजन बताया. उन्होंने कहा कि सीडीएस की तैनाती से तीनों सेनाओं में सामंजस्य बेहतर करने और उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करने करने में मदद मिलेगी.

https://www.instagram.com/tv/CGFlS5CpCK8/?utm_source=ig_web_copy_link

एयर फोर्स चीफ ने कहा कि भविष्य में हम सिक्सथ जनरेशन फाइटर तकनीक को बढ़ावा देंगे. इसके साथ ही हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक और अत्याधुनिक ड्रोन सिस्टम विकसित करने पर काम करेंगे. उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि भारतीय वायु सेना राष्ट्र की अस्मिता और रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है.

बता दें कि भारतीय वायुसेना ऐसे दौर में स्थापना दिवस मना रही है, जब वो बदलाव के एक बड़े दौर से गुज़र रही है. फाइटर स्क्वाड्रन की कमी से जूझती वायुसेना को रफाल, अपाचे और चिनूक जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स व हेलीकॉप्टर मिल चुके हैं. अब उसे एस-400 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम का इंतज़ार है.

वायुसेना इस समय अपनी सबसे बड़ी परीक्षा से भी गुज़र रही है. उसके सामने चीन जैसी महाशक्ति है और सर्दियों में लद्दाख में तैनात 50000 सैनिकों की सप्लाई लाइन को बनाए रखना है. इसके लिए वायु सेना जी जान से तैयारियां करने में जुटी है.


रीडर्स आप आत्मनिर्भर खबर डॉट कॉम को ट्वीटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर फॉलो कर रहे हैं ना? …. अबतक ज्वाइन नहीं किया है तो अभी क्लीक कीजिये (ट्वीटर- @aatmnirbharkha1), (इंस्टाग्राम- @aatmnirbharkhabar2020), (फेसबुक- @aatmnirbharkhabar2020और पाते रहिये हमारे अपडेट्स.

Previous articleएयरफोर्स का हेलीकॉप्टर खेत में उतरा तो देखने को उमड़ी भीड़
Next articleखा. कृपाल तुमाने बिहार निवडणुकीसाठी शिवसेनेचे “स्टार प्रचारक”
वाचकांनो आपन “आत्मनिर्भर खबर डॉट कॉम” ला ट्वीटर, इंस्टाग्राम आणि फेसबुक पर फॉलो करत आहात ना? अजूनपर्यंत ज्वाइन केले नसेल तर आमच्या अपडेट्स साठी आत्ताच क्लिक करा (ट्वीटर- @aatmnirbharkha1), (इंस्टाग्राम- @aatmnirbharkhabar2020), (यू ट्यूब-@aatmnirbhar khabar )(फेसबुक- @aatmnirbharkhabar2020).