Home हिंदी मिलिए इस नन्हें चूहे से, जो बारूदी सुरंग खोजने का है एक्सपर्ट

मिलिए इस नन्हें चूहे से, जो बारूदी सुरंग खोजने का है एक्सपर्ट

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बहादुरी के लिए “मगावा” को नवाजा गया पीडीएसए गोल्ड मेडल से

अक्सर हमने यही सूना और देखा है कि लोगों की जिंदगी बचाने का काम सेना के जवानों और सुरक्षाकर्मियों के ही जिम्मे होता है मगर जब यही काम कोई नन्हा सा जानवर, वो भी एक चूहा करता है तो वो अवार्ड का हकदार हो जाता है। लंदन में ऐसा एक मामला सामने आया है जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस छोटे से चूहे ने अबतक इतने लैंडमाइन खोज निकाले है कि अब वो इसका एक्सपर्ट माना जाने लगा है.

 

39 से ज्यादा बारूदी सुरंग का लगाया पता

हाल में “मगावा” नामक इस चूहे को पीडीएसए गोल्ड मेडल से नवाजा गया है. यह मेडल पशुओं को बहादुरी के लिए दिया जाता है. मगावा अबतक 39 से ज्यादा बारूदी सुरंग और अन्य विस्फोटक सामग्री का पता लगा चुका है. बारूदी सुरंग के बारे में पता चलने पर वह जमीन खोदना शुरू कर देता है. मगावा को बेल्जियम के गैर लाभकारी संगठन एपोपो ने प्रशिक्षित किया है. यह संगठन वर्ष 1990 से बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए जानवरों का इस्तेमाल कर रहा है. संगठन के मुताबिक, मगावा का वजन कम है. यदि वह किसी बारूदी सुरंग के ऊपर भी पहुंच जाता है तब भी उसमें विस्फोट नहीं होता. वह टेनिस कोर्ट जितने बड़े मैदान को जांचने में 20 मिनट का टाइम लेता है.

ऐसा साहस आपने कभी नहीं सुना होगा

इस चूहे ने कंबोडिया में बारूंदी सुरंगें हटाने में मदद की थी. वह इस पुरस्कार को जीतने वाला पहला चूहा है. इस अफ्रीकी चूहे का नाम मगावा है और वह सात साल का है. उसने सूंघकर 39 बारूदी सुरंगों का पता लगाया. इसके अलावा उसने 28 दूसरे ऐसे गोला बारूद का भी पता लगाया जो फटे नहीं थे. शुक्रवार को ब्रिटेन की चैरिटी संस्था पीडीएसए ने इस चूहे को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया.

वजन 1.2 किलो, लंबाई 70 सेंटीमीटर : मगावा का वजन सिर्फ 1.2 किलो है और वह 70 सेंटीमीटर लंबा है. इसका मतलब है कि उसमें इतना वजन नहीं है कि वह बारूदी सुरंगों के ऊपर से गुजरे तो वे फट जाए. वह आधे घंटे में टेनिस कोर्ट के बराबर जगह की तलाशी ले सकता है. इंसानों को इतने बड़े इलाके को मेटल डिटेक्टरों के सहारे चेक करने के लिए कमसे कम चार दिन चाहिए.

रिटायरमेंट का समय करीब : सात साल की उम्र पूरी करने के बाद अब मगावा अपने रिटायरमेंट के करीब है. कैलिफोर्निया के सैन डिएगो चिड़ियाघर का कहना है कि जाइंट अफ्रीकी पाउच्ड चूहों की औसत उम्र आठ साल होती है. पीडीएसए के महानिदेशक जैन मैकलोगलिन ने ब्रिटेन के प्रेस एसोसिएशन के साथ बातचीत में कहा कि मगावा ने उन पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की जिंदगी बचाई है जो इन बारूदी सुरंगों से प्रभावित होते हैं। लेकिन अब उसका जल्द ही रिटायरमेंट हो जायेगा.


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