प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 5जी टेलीफोनी सेवाओं की शुरुआत कर दी. इसके साथ ही भारत में मोबाइल फोन पर अल्ट्रा हाई-स्पीड इंटरनेट के नए युग का आगाज हुआ है. दिल्ली में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 कार्यक्रम के मंच से पीएम ने इस सेवा की शुरुआत देश के 13 चुनिंदा शहरों में की. अगले कुछ वर्षों में पूरे भारत में 5जी इंटरनेट सेवाओं का विस्तार होगा. भारत में 5G सेवाओं पर खर्च होने वाली राशि के 2035 तक 450 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट का समर्थन करने में सक्षम, पांचवीं पीढ़ी या 5G सेवा से भारतीय समाज एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में नए आर्थिक अवसरों और सामाजिक लाभों को प्राप्त करेगा, ऐसी उम्मीद है.
भारत में 5जी तकनीक की क्षमता दिखाने के लिए देश के 3 प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने एक-एक कर प्रधानमंत्री के सामने डेमो दिया. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने मुंबई के एक स्कूल के शिक्षक को महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा में तीन अलग-अलग स्थानों के छात्रों से जोड़ा. इससे प्रदर्शित हुआ कि कैसे 5G शिक्षकों को छात्रों के करीब लाकर, उनके बीच की शारीरिक दूरी को मिटाकर शिक्षा की सुविधा प्रदान करेगा. जियो के डेमा ने स्क्रीन पर ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) की शक्ति को प्रदर्शित किया और बताया कि इसका उपयोग देश भर के बच्चों को एआर डिवाइस की आवश्यकता के बिना, दूरस्थ रूप से सिखाने के लिए कैसे किया जा सकता है.
एयरटेल के डेमो में, उत्तर प्रदेश की एक लड़की ने वर्चुअल रियलटी और ऑगमेंटेड रियलिटी की मदद से सोलर सिस्टम के बारे में जानने के लिए एक जीवंत अनुभव का आनंद लिया. उसने होलोग्राम के माध्यम से मंच पर उपस्थित होकर प्रधानमंत्री के साथ सीखने के अपने अनुभव को साझा किया. वोडाफोन-आइडिया ने डेमो में दिल्ली मेट्रो की एक निर्माणाधीन सुरंग में कामगारों की सुरक्षा को मंच पर सुरंग के ‘डिजिटल ट्विन’ के निर्माण के माध्यम से प्रदर्शित किया. डिजिटल ट्विन दूरस्थ स्थान से वास्तविक समय में श्रमिकों को सुरक्षा अलर्ट देने में मदद करेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने वीआर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके वास्तविक समय में काम की निगरानी के लिए मंच से लाइव डेमो देखा.