नागपुर ब्यूरो : क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों के लिए पहली शाला शुरू कर महिलाओं के लिए शिक्षण के दरवाजे खोल दिए. शिक्षण प्राप्त होने से महिलाओं को समाज में सम्मान का स्थान प्राप्त हुआ. आज महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, आईएएस अधिकारी, इंजीनियर, पायलट, डॉक्टर, कलेक्टर आदि अनेक पदों की जिम्मेदारियां बेहतर तरीके से संभाल रही हैं. सही मायनो में क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले महिला मुक्ति की प्रणेता है. यह प्रतिपादन अधि. सुलेखाताई कुंभारे ने क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किया.
क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की जयंती के उपलक्ष्य में हरदास शैक्षणिक व सांस्कृतिक संस्था की ओर से हरदास शाला में कार्यक्रम आयोजित किया गया. सबसे पहले अधि. सुलेखाताई कुंभारे ने क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अभिवादन किया. अधि. सुलेखाताई कुंभारे ने क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले के जीवन पर प्रकाश डाला और मार्गदर्शन किया.
इस अवसर पर महादेव खैरे, गणेश सेंगर, अश्लेषा मेश्राम, विनोद जुमड़े ने भी अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम का संचालन विशाखा पाटिल तथा आभार प्रदर्शन सुकेशिनी मुरारकर ने किया. कार्यक्रम में हरदास शैक्षणिक व सांस्कृतिक संस्था, ड्रैगन इंटरनेशनल स्कूल, हरदास विद्यालय, हरदास प्राथमिक विद्यालय, दादासाहब कुंभारे बहुद्देश्यीय प्रशिक्षण संस्था, अधि. दादासाहब कुंभारे विद्यालय नेरी के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी प्रमुखता से उपस्थित थे.