नई दिल्ली ब्यूरो: करनाल लाठीचार्ज के विरोध में किसानों का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को हजारों किसानों ने पंजाब की सड़कों पर उतरकर सभी महत्वपूर्ण राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2 घंटे के लिए यातायात रोक दिया। बता दें कि शनिवार को पुलिस की तरफ से किए गए लाठीचार्ज में दर्जनों किसान घायल हो गए थे।लुधियाना में एमबीडी मॉल, जालंधर बाईपास, जगराओं और कुछ अन्य जगहों के पास विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान रविवार को 2 घंटे के लिए हाईवे को भी आंदोलनकारी किसानों ने जाम कर दिया।
बीकेयू नेता मनजीत सिंह ने कहा कि एसडीएम करनाल के आदेश का राजनेताओं ने समर्थन किया है। सरकार के आदेश पर लाठीचार्ज किया गया था। इसलिए, हमें अपने किसान भाइयों के लिए अपनी लड़ाई में एकजुट रहने की जरूरत है। यही कारण है कि हमने रविवार को पूरे राज्य में चक्का जाम हड़ताल का आह्वान किया था। हमें खुद को सुनने की जरूरत है और प्रशासन को एक जोरदार और स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि हम किसान एकजुट हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में, करनाल उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आयुष सिन्हा शनिवार को पुलिसकर्मियों से हरियाणा के सीएम और राज्य के भाजपा नेताओं के विरोध में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों का ‘सिर फोड़ने’ के लिए कहते हुए सुने गए हैं। जिसके बाद से उन्हें बर्खास्त करने की मांग भी तेज हो गयी है। फिरोजपुर में भी किसानों ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में रविवार को ज़िना, गल खुराद, फिरोजपुर ग्रामीण और शहर, गुरु-हर-सहाय और ममदोट में धरना दिया। अबोहर में किसानों ने बीकेयू-राजेवाल के बैनर तले राजस्थान सीमा पर दो घंटे तक जाम लगाया।
कोकरी कलां के किसान सुखदेव सिंह ने कहा कि पंजाब के 705 गांवों में पुतले जलाए गए हैं। शनिवार को भी सैकड़ों गांवों में ग्रामीणों ने पुतला दहन किया था। किसान, मजदूर, महिलाएं, युवा, सभी बड़ी संख्या में हमारे विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं। किसान शांतिपूर्ण तरीके से शनिवार को करनाल में विरोध कर रहे थे और इसलिए उनके खिलाफ यह अमानवीय कार्रवाई बिल्कुल अनुचित थी। उन्होंने कहा कि करनाल के एसडीएम और इसमें शामिल सभी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तुरंत केस दर्ज किया जाना चाहिए।