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आत्मनिर्भर | घर से 8000 रुपये लेकर लगाई चाय की टपरी और 4 साल में बन गया करोड़पति

कैट की परीक्षा में लगातार फेल होने के बावजूद महज 8000 रुपये से अपना छोटा बिजनेस शुरू करने वाले अहमदाबाद के प्रफुल्ल बिलौरे के आत्मनिर्भर बनने की ये कहानी आपको भी अपने जीवन में कुछ कर गुजरने का जज्बा जरूर देकर जाएगी. कॉलेज में थे, फेल हो गए. पढ़ाई छोड़ दी और चाय बेचने लगे. चाय भी ऐसा बेचा कि पूरा देश उसे चाय वाले के नाम से जानने लगा. केवल 4 सालों में उन्होंने अपनी 3 करोड़ की कंपनी बना ली है. उनकी इंस्पायरिंग कहानी सिर्फ आपके लिए…

कम पूंजी में स्टार्ट किया बिजनेस

प्रफुल्ल एमबीए करना चाहते थे. आईआईएम जैसे अच्छे संस्थान में एडमिशन हो, इसके लिए कैट का एग्जाम भी दिया, लेकिन फेल हो गए. प्रफुल्ल कैट की परीक्षा में तो फेल हुए थे, लेकिन जिंदगी की परीक्षा में नहीं. कैट की परीक्षा में लगातार फेल होने के कारण वे निराश रहने लगे थे. कुछ हफ्ते के लिए तो उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया था. काफी दिनों तक परेशान रहे. आखिरकार उन्हें अहमदाबाद में पिज्जा की एक दुकान में 37 रुपये प्रति घंटे की नौकरी मिल गई. उन्होंने डिलीवरी बॉय का काम किया. इस बीच उनका प्रमोशन भी हुआ लेकिन उन्हें कुछ अलग करना था, कुछ अपना करना था, आत्मनिर्भर बनना था. ऐसे में उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचा. लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे. कम पूंजी में बिजनेस करने की चाहत में उनको चाय की दुकान का आइडिया आया. अपने पैरेंट्स से 8,000 रुपये लिए और अहमदाबाद के एसजी हाइवे पे चाय का ठेला लगाना शुरू कर दिया.

… और बन गए “एमबीए चायवाला”

शुरुआत में चाय का ठेला नहीं चला. ऐसे में उन्होंने फैसला किया कि चाय पीने के लिए लोग उनके पास आएं या न आएं, वे ही अपनी चाय को लोगों तक पहुंचाएंगे. वह बताते हैं कि जब वह चाय लेकर लोगों के पास जाते और उनसे इंग्लिश में बात करते तो लोग हैरान रह जाते. इस तरह धीरे -धीरे प्रफुल्ल के ग्राहक बढ़ते चले गए और उनकी कमाई हर महीने हजारों में पहुंच गई. लोगों के इंटरटेनमेंट के लिए प्रफुल्ल अपनी चाय की टपरी पर ही ओपन माइक लगवा देते थे. वेलेंटाइन डे पर उन्होंने सिंगल लोगों को फ्री में चाय दी. ये स्टोरी काफी वायरल हुई थी. इसके बाद वह शादियों में चाय की स्टॉल लगाने लगे. ‘एमबीए चायवाला’ नाम के पीछे की कहानी के बारे में प्रफुल्ल ने “आत्मनिर्भर खबर डॉट कॉम” को बताया कि उन्होंने अपने टी स्टॉल का नाम ‘मिस्टर बिलौरे अहमदाबाद चायवाला’ रखा था, जिसे शॉर्ट में “एमबीए चायवाला” कहा जाने लगा और इस तरह वे फेमस होते चले गए.

अब तो फ्रेंचाइजी लेने को सभी आतुर

प्रफुल्ल का आइडिया काफी फेमस हो चुका है. लोग उनकी फ्रेंचाइजी लेने के लिए तैयार रहते हैं. पूरे देश में उनकी कुल 11 फ्रेंचाइजी है. वे मोटिवेशनल स्पीकर है और कई कॉलेजों में लेक्चर भी दे चुके हैं. प्रफुल्ल सिर्फ चाय की फ्रेंचाइजी से ही नहीं कमाते, वह शादियों में भी चाय बनाने जाते हैं और एक दिन के 50 हजार चार्ज करते हैं. यही नहीं वे क्रिप्टोकरेंसी और शेयर बाजार में भी इन्वेस्ट करते हैं.

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